Tuesday 19 May 2020

तुम मुस्कुराओ मुस्कुराने की वजह मैं बनूँ


तुम मुस्कुराओ मुस्कुराने की वजह मैं बनूँ




तुम मुस्कुराओ मुस्कुराने की वजह मैं बनूँ
तुम खिलखिलाओ खिलखिलाने की वजह मैं बनूँ



भर जाए दामन तुम्हारी खुशियों से दुआ है मेरी
तुम खुश रहो खुश होने की वजह मैं बनूँ



खुदा ने तुम्हे तराशा कितने नाजों से पता नहीं किसके लिए 
तुम चमकती दमकती रहो , उस रौशनी की वजह मैं बनूँ



मुझे और कुछ भी नहीं चाहिए तुमसे मेरी खातिर 
तुम मेरी बनो और तुम्हारी हर वजह मैं बनूँ || 



कवि :- अनीष राज


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