मैं नदी के लहर पर एक घर बनाऊगाँ ।
एक संग तुम्हारे जिंदगी बिताऊगाँ ।।
मैं नदी के लहर पर एक घर बनाऊगाँ ।
तुम रहोगी मैं रहूँगा और इक छोटी सी दुनिया।
मैं उस दुनिया को खुशियों से सजाऊगाँ ।।
मैं नदी के लहर पर एक घर बनाऊगाँ ।
मैं हूँ तन्हा इस जहाँ में और मेरा कोई नहीं ।
एक तुम हो एक दिल है और मेरा कोई नहीं ।
मैं तुम्हारे ऊपर हर खुशियाँ लुटाऊगाँ ।।
मैं नदी के लहर पर एक घर बनाऊगाँ ।
एक ही जीवन मिला है और सिर्फ एक तुम ।
मैं ये जीवन यूं ही न व्यर्थ गवाऊगाँ ।
संग तुम्हारे एक बेहतर कल बनाऊगाँ ।।
मैं नदी के लहर पर एक घर बनाऊगाँ ।
Sayar/poet :_ ANISH RAJ.
KILLER ANISH .
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Thanx for reading and watching this poetry.
It's lovely ... Awesome✍️👌👌👌👌👌
ReplyDeleteNice
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