Tuesday 18 June 2019


HINDI KAVITA . KILLER ANISH.





मेरा प्रेम अवयक्त है 



वो प्रेम जो मेरे हृदय में ,

न जाने कब से दबा है ,

आज तक अवयक्त है ,

तू प्रत्यक्ष है।


वो सुकूं जो कब की खो गई ,

तू भी गैर की हो गई ,

आजतक ये सत्य है ,

मेरा प्रेम अवयक्त है ,

तू प्रत्यक्ष है। 



अश्रु से भरी हर रात ,

दुःख दर्द की हर बात ,

जीवन भी तो असत्य है ,

मेरा प्रेम अवयक्त है ,

तू प्रत्यक्ष है। 



कवि / शायर  :- अनीष  राज 


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