Thursday 20 June 2019

HINDI KAVITA . KILLER ANISH.


BHUKH SE BILAKHTI RO RAHI HAI BETI 


            भूख से बिलखती रो रही है बेटी 






भूख से बिलखती रो रही है बेटी 

फटी  नंगी  वस्त्र खुली हुई है चोटी 

हाथो में है लिए कुछ अधजली सी रोटी 

देख रही  है सबको ऐसे जैसी कोई जोगी 

दुर्दशा की दारुण कथा वो  कह रही 

लब है खामोश नजरो से सह रही 

मूक दर्शक बन  न जाने क्यू है वो खड़ी 

अभी अभी तो बेटी थी , क्यू माँ सी लग रही 

देखो दरिंदे की नजर पर गई उस पर 

माँ बाप है अनभिज्ञ  न जाने हैं  किधर 

बहुत है बेचैन दिख रही नहीं इधर उधर 

माँ रोती  हुई पूछती है मेरी बेटी है किधर 

मिली भी तो एक दिन बाद किस हाल में यहाँ 

माँ का रो रो कर बुरा हाल हो रहा 

मौत की शय्या पर लेटी  हुई है बेटी 

अब है बिलकुल नंगी बिखरी  हुई है चोटी   ।। 


कवि :- अनीष राज  . 








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